कुछ खतायें मेरी होगीं तो कुछ गुनाह तेरे भी होगें, चल पुरानी यादों को दफ़न करते हैं. कुछ खतायें मेरी होगीं तो कुछ गुनाह तेरे भी होगें, चल पुरानी यादों को दफ़न ...
बसंत ऋतु में होने लगता, प्यार का सुखद एहसास। चहुँओर दिखती हरियाली, मन में जगती है न बसंत ऋतु में होने लगता, प्यार का सुखद एहसास। चहुँओर दिखती हरियाली, मन म...
बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर
टेढे मेढे हैं मेरे कदमों के निशाँ ना सोच के असर कर रहा है नशा। टेढे मेढे हैं मेरे कदमों के निशाँ ना सोच के असर कर रहा है नशा।
नई मनुस्मृति नई मनुस्मृति
अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI